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My Story

Vasudha Uttam: Born in Punjab (India), Is professionally an engineer. She has passion of reading and writing the novels, short stories and poems. "Books are the best friend" is quote she really believes in, and herself loves to read stories of fantasies, fairies and adventure.

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VASUDHA UTTAM

My Books
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Hillside House and The Unfolding Mysteries

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Hillside house and Secret Tunnels

My Books
Marble Surface

जितना मांगा था उस से ज्यादा दिया।

हम तो केवल तिक टोक के पीछे थे भारत ने तो साथ में 58 और को भी बैन किया।।


इस से अंदाज़ा लगा लो चीन वालों, की सोच से ज्यादा करती है भारत सरकार।

माथा पीटोगे तुम अपना.. क्यूंकि गलत पंगा लिया, तूने इस बार।।


यह जो तुम चीन, नेपाल और पाकिस्तान की भारत से लगती सीमा पर बनाना चाहते हो दबाव।

जान लो बात इतनी की, सेना का हमारे पास भी नहीं है अभाव।।


तुम एक कदम तो उठाओ भारत की और, भारत की सेना तुम्हे ना उखार दे तो कहना।

तुम एक 1962 की याद में कहीं कोई गलतफहमी में मत रहना।।


तुमने भारत की एकता की कहानियां तो बहुत सी सुनी होंगी, आज एकता सच में तुम्हे दिखाएंगे।

चीनी  ऐप्स की तो सिर्फ शुरुआत है, हम तो चीनी समान का बहिष्कार भी कर जाएंगे।।


सीमा पर पहला वार ना करना तो हमारी नैतिकता है दर्शाता।

पर इसे हमारी कमजोरी ना समझना क्यूं कि किस को कैसे सबक सिखाना, हमें बहुत अच्छे से है आता।।


समझ जाओ मौका रहते,  कोरोना से पहले ही कर रखा तूने सारा विश्व परेशान,

सुधर जा अब भी और हटा सीमा से अपने जवान

नहीं तो फिर मत कहना जब भुगतना पड़ा तुझे परिणाम।

दिवाला निकल जाएगा तेरा, जब दुनिया ने बंद कर दिया लेना तेरा चीनी सामान।।

Events

घर की बालकनी में बैठ कर ले रहे हम बारिश का नजारा।
यह बारिश की बूंदे, यह मिट्टी की सौंधी खुशबू, प्रफुल्लित करदे यह दिन हमारा।।

यह लहराते हुए पेड़, यह चहकती चिड़िया... जैसे कुदरत की खूबसूरती हो चर्म सीमा पर।
खो जायें हम कुछ इस कदर ... की स्वर्ग जैसा सुंदर लगे यह धरती और अंबर।।

बादलों में से निकलती हुई वो सूरज की पहली किरण,
संग लाए वो सतरंगी इनद्रधनुष।
देख के ऐसा सुंदर नज़ारा धन्य हो जाए कोई भी मानुष।।

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